ब्रह्म ज्योति से प्रकाशित हैं असंख्य लोक  देवी संगीता किशोरी


लाल कुआं शहर के बंगाली कॉलोनी स्थित जय महाकाली मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में गजब का उत्साह उमड़ा हुआ है बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर अध्यात्म की गंगा में स्नान कर रहे हैं श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा वाचिका देवी संगीता कुमारी ने कहा कि संपूर्ण जगत गिरधर गोपाल की ब्रह्म ज्योति से प्रकाशित है उन्होंने कहा कि मृत्यु लोक की तरह ही इस सकल ब्रह्मांड में असंख्य लोक हैं यह सभी असंख्य लोक तथा सूर्य चंद्रमा तारागढ़ सभी योगेश्वर भगवान की ब्रह्म ज्योति से प्रकाशित है उन्होंने कहा कि योगेश्वर भगवान के धाम को परमधाम कहा जाता है जहां पहुंचने के बाद व्यक्ति जन्म और मृत्यु के बंधनों से मुक्त होकर योगेश्वर की ज्योति में समा जाता है उन्होंने कहा कि महात्मा राजा परीक्षित दुराचारी धुंधकारी कंस शिशुपाल के अलावा अनगिनत आत्माएं योगेश्वर श्रीकृष्ण के लोक को प्राप्त हुई उन्होंने कहा कि वैसे तो अवतारों की संख्या असंख्य है लेकिन मुख्यतः 24 अवतार माने गए हैं जिसमें 8 अवतार ज्ञान के 8 भक्ति के और 8 कर्म के माने गए हैं लेकिन योगेश्वर कृष्ण ज्ञान भक्ति और कर्म इन सब के साथ संपूर्ण अवतारों की श्रेणी में आते हैं उन्होंने कहा कि द्वापर युग में जब भगवान श्री कृष्ण स्वधाम को जाने लगे तब उन्होंने अपने भक्तजनों की विनती पर यह वचन दिया की श्रीमद्भागवत मेरा साक्षात स्वरूप होगा जो श्रीमद्भागवत का श्रवण करेगा वह मेरी भक्ति को प्राप्त होगा देवी संगीता कुमारी ने कहा कि आज वास्तव में मनुष्य अपने आत्म तत्व को भूल चुका है उन्होंने कहा कि जब कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन के माध्यम से समस्त मानव मात्र को इस बात की गारंटी दी है कि वह समस्त धर्मों के भेद को भुलाकर  उनकी शरणागत हो जाएगा तो उसके सभी पाप मुक्त कर दिए जाएंगे उसके सभी कष्ट दूर कर दिए जाएंगे फिर भी ना जाने क्यों आज का मानव इधर उधर भटक रहा है उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र कुरुक्षेत्र में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के इन्हीं शब्दों को सुनकर अवसाद में खड़ा अर्जुन मोह  में जकड़ा अर्जुन संशय  मुक्त होकर युद्ध क्षेत्र के लिए तैयार हो जाता है उन्होंने कहा कि आज भी इस कलिकाल में तमाम प्रकार के दिग्भ्रमित अर्जुन घूम रहे हैं जिन्हें श्रीमद्भागवत जैसे उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है