31 मई से रोजाना एक लाख कोरोना टेस्ट करेगी सरकार, ये है प्लान

 


नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. वैसे में कोरोना टेस्ट में तेजी लाने पर विचार किया जा रहा है. संक्रमितों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा टेस्ट पर जोर दे रही है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को जैव तकनीक विभाग के 18 शोध संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना वायरस के इलाज और टीके को विकसित करने के लिये जारी शोध कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने कोविड-19 के परीक्षण की स्वदेशी किट भी यथाशीघ्र विकसित करने की जरूरत पर बल दिया.


डॉ हर्षवर्धन ने कहा, हम 31 मई तक आरटी-पीसीआर और एंटीबॉडी टेस्ट किट भारत में ही तैयार करने लगेंगे. उन्होंने बताया, हमारा लक्ष्य 31 मई से हर दिन एक लाख टेस्ट करने का है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 1594 नये मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 29,974 हो गयी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 7027 हो गयी है. यह कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का 23.3 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 684 मरीजों को स्वस्थ्य होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गयी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के संक्रमण से देश में अब तक 937 लोगों की मौत हो चुकी है।



⏭ *भारतीय रेल : लॉकडाउन के बाद 4 मई से चलने लगेंगी रेल गाड़ियां? कल की बैठक में हो सकता है फैसला*


नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश में बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन आगे बढ़ेगा या फिर तीन मई को समाप्त हो जाएगा, इसके साथ ही चार मई से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली समेत रेलगाड़ियों का परिचालन दोबारा शुरू होगा या फिर इसे भी आगे बढ़ाया जाएगा? देश में रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर बुधवार यानी 29 अप्रैल को फैसला रेल मंत्रालय और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में किया जा सकता है।
सूत्रों के हवाले से मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, बुधवार को होने वाली अहम बैठक में लॉकडाउन के बाद की स्थिति को देखते हुए रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर चर्चा की जा सकती है. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि कोरोना वायरस महामारी के खौफ के बीच रेलगाड़ियों के परिचालन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा सकती है.


गौरतलब है कि इंडियन रेलवे ने देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के साथ ही बीते 22 मार्च से रेलगाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा रखी है. लॉकडाउन में केवल जरूरी सामानों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए ही मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन लागू कर रखी है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में लॉकडाउन को 3 मई से आगे बढ़ाए जाने की अपील की है, लेकिन केंद्र सरकार ने पहले ही ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने के लिए इसमें कुछ ढील भी दी है.


सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश में ग्रामीण इलाकों में मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के काम, निर्माण कार्य और ईंट भट्ठों का काम शुरू करने की इजाजत दी गयी है. इसके साथ ही, शहरी इलाकों में कॉलोनियों के अंदर चलने वाली दुकानों को भी खोलने भी अनुमति दी गयी है. इस बीच, खबर यह भी आ रही है कि रेलवे की ओर से यात्री गाड़ियों का परिचालन शुरू करने के लिए बुधवार की बैठक में अहम फैसला किया जा सकता है. हालांकि, 14 अप्रैल से रेलवे ने आगे की किसी भी तारीख के लिए टिकटों की बुकिंग पर रोक लगा रखी है.


सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि 3 मई के बाद भी सवारियों के आवागमन को पटरी पर लाने के लिए रेलगाड़ियों का परिचालन जल्द शुरू होने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, खबरों में इस बात की भी चर्चा की गयी है कि कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए विशेष रेलगाड़ियों को चलाने की मांग की है. इसके साथ ही, रेलवे के पास ऐसी भी सलाह आयी है कि शुरू में जब भी ट्रेनों को चलाया जाए, तो इसमें वातानुकूलित कोच न लगाए जाएं, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।



⏭ *जिंदा हैं तानाशाह किम जोंग उन? डोनाल्ड ट्रंप बोले- मुझे सब पता है, मगर अभी नहीं बताऊंगा*



वाशिंगटन,नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को लेकर रहस्य बरकरार है। उत्तर कोरियाई तानाशाह की सेहत को लेकर जारी अटकलों के बीच सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की कि किम जोंग उन जीवित हैं।  ट्रंप ने कहा कि किम जोंग उन को लेकर अटकलों के बाद उन्होंने तानाशाह के ठीक होने की कामना की। साथ ही ट्रंप ने कहा कि उन्हें तानाशाह की सेहत के बारे में सब पता है, मगर फिलहाल वह नहीं बता सकते। 


यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें किम जोंग उन के स्वास्थ्य के बारे में कोई नई जानकारी है, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा 'हां, मुझे काफी अच्छे से पता है, लेकिन मैं इसके बारे में अभी बात नहीं कर सकता। फिलहाल, मैं सिर्फ उनके अच्छे होने की कामना करता हूं।'


व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि वह ठीक हैं। मुझे पता है कि वह इन दिनों कैसे हैं और क्या कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को जल्द ही उनके बारे में जानकारी मिल जाएगी। 
डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 के डेली ब्रीफिंग के दौरान सीएनएएन की आलोचना करते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि यह रिपोर्ट गलत है। मैं सुन रहा हूं कि इस न्यूज के लिए उन्होंने (टीवी चैनल) पुराने दस्तावेज का इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने यह कहने से साफ तौर पर इनकार कर दिया कि उनको स्पष्ट जानकारी है कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह पूरी तरह से ठीक हैं। 
कैसे मिला अटकलों को बल
दरअसल, उत्तर कोरियाई शासक हाल ही में कई कार्यक्रमों में नहीं दिखाई दिए हैं। इससे कयासबाजी तेज हो गई। किम जोंग उन 15 अप्रैल को अपने दिवंगत दादा और देश के संस्थापक किम इल-सुंग की 108वीं जयंती समारोह में भी नजर नहीं आए थे। इतना ही नहीं, वह आखिरी बार 11 अप्रैल को ही एक बैठक में दिखे थे। बताया जा रहा है कि 2012 के बाद ऐसा पहली बार है जब किम अपने दादा के जयंती समारोह से गायब रहे हैं। 
मीडिया रिपोर्ट में पिछले काफी दिनों से किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि तानाशाह सर्जरी के बाद बेहद नाजुक स्थिति से गुजर रहे हैं, तो वहीं कुछ में कहा जा रहा है कि उनका ब्रेन डेड हो चुका है। हालांकि, अब तक इस पर कोई पुष्टि नहीं हुई है। हां, मगर साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के सुरक्षा सलाहकार ने रविवार को कहा कि किम जोंग जीवित हैं और स्वस्थ हैं।



⏭ *पेंटागन ने जारी किया UFO का वीडियो, क्या किसी दूसरे ग्रह पर जीवन संभव है? बढ़ी संभावनाएं*


क्या पृथ्वी के बाहर भी किसी ग्रह पर जीवन है? और क्या दूसरे ग्रह के प्राणी कभी पृथ्वी पर आए हैं? इन रोचक सवालों का जवाब आज तक 100 फीसदी दावे के साथ नहीं मिला है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने तीन वीडियो गुप्त सूची से हटाकर जारी किया है जिससे एक बार फिर एलियन चर्चा में हैं। इन वीडियो में यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट- उड़ने वाली अज्ञात वस्तु) दिख रहे हैं, जिन्हें अमेरिकी नेवी पायलट्स ने कैमरे में कैद किया था।अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) ने कहा है कि उसने तीनों वीडियो को जारी करने को अधिकृत किया है। इसमें से एक नवंबर 2004 में कैद किया गया था और दो अन्य जनवरी 2015 के हैं। इन्हें 2007 और 2017 में अनधिकृत तरीके से रिलीज किया गया था। रक्षा विभाग ने बयान में कहा, ”डीओडी इस वीडियो को लोगों का यह भ्रम साफ करने के लिए जारी कर रहा है कि जो फुटेज सर्कुलेट हो रहा है वह सच है या नहीं और क्या ऐसे और वीडियो हैं या नहीं। वीडियो में देखी गई हवाई वस्तु “अज्ञात” की श्रेणी में ही है।”बयान में आगे कहा गया है, ”गहन समीक्षा के बाद विभाग ने यह तय किया कि इन वीडियो के अधिकृत रिलीज से किसी तरह की संवेदनशील जानकारी या सिस्टम बाहर नहीं आएगा और अज्ञात हवाई वस्तु के सैन्य वायु क्षेत्र में घुसपैठ की जांच पर असर नहीं होगा।”इन तीन वीडियो की सच्चाई की पुष्टि पेंटागन ने 2019 में की थी। पायलट्स ने 2004 में ट्रेनिंग के दौरान इस 40 फीट लंबे अज्ञात वस्तु को देखा जो पानी से 50 फीट ऊपर मंडरा रहा था। ऐसा ही 2015 में भी दिखा। इनमें से दो वीडियो को न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2017 में पब्लिश किया था। वीडियो में दिख रहा है कि एक लंबाकार एक चीज आसमान की ओर बढ़ रहा है। एक पायलट कहता हुआ सुनाई दे रहा है, देखो उसे, यह तो घूम रहा है। एक अन्य वीडियो को 2018 में एक निजी विज्ञान सगंठन ‘टू द स्टार्स एकैडमी’ की ओर से जारी किया गया था। संगठन का कहना है कि वे अज्ञात हवाई वस्तुओं का अध्ययन करते हैं।