हिंसा व अपराध का बढना चिंता का विषय -पंकज जी पहरा

 


अमेठी 10 अक्टूबर 2019 जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के  अध्यक्ष एवं जय गुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी पंकज जी महाराज ने आज विशेश्वरगंज के काली मैदान में आम जनों के बीच बोलते हुए कहा कि समय की जरूरत है की मनुष्य को हत्या और हिंसा जैसे पापों से बचना चाहिए और हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई सबको शाकाहारी बनकर समाज को नई दिशा प्रदान करनी चाहिए 


पंकज जी महाराज ने कहा की कबीर दास जी की पंक्ति है "ज्यों तिल माही तेल है ज्यों चकमक में आग ,तेरे साईं तुझ में जाग सके तो जाग" को उदित करते हुए कहा कि परमात्मा बाहर नहीं मिलेगा और ना ही किताबों को पढ़ने से मिलेगा किताबों में प्रभु मिलने का केवल प्रमाण है की पहले के महात्माओं जैसे रैदास' मीरा' सहजोबाई, तुलसीदास आदि को प्रभु इसी शरीर में मिले 


पंकज महराज ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में महापुरुषों की खोज करने की बात बताई गई है खोजी होने पर जब वह मिल जाएंगे तो आपके अंदर  प्रभु से मिलने की जिज्ञासा जगाकर रास्ता बता देंगे अपनी दया कृपा के द्वारा आपको परमात्मा से मिला देंगे


 पंकज महाराज ने कहा कि हर व्यक्ति को सोचना  चाहिए कि मृत्यु के बाद हमारे परिवार वाले, मित्र और हम कहां जाएंगे हम दुनिया के जीव मौत को भूलकर जड़ माया के पीछे भाग रहे हैं धन दौलत को पाने के लिए तमाम प्रकार के छोटे बुरे कर्म करते हैं इन कर्मों के आधार पर जीव को नर्को में सजा भोगनी पड़ेगी 


पंकज महाराज ने कहा कि बढ़ रही हिंसा अपराध चिंता का विषय है उनका मानना है कि बुराइयां केवल भौतिक उन्नति करने से रुकने वाली नहीं है इसका मूल कारण लोगों का खराब खान पान है इसलिए धर्म यात्राओं के द्वारा शाकाहार सदाचार अपनाने और नशीली चीजों के सेवन की बुरी लत से बचाने की कोशिश की जा रही है मानव की सबसे बड़ी पूंजी चरित्र है इसके बिना मानव का कोई अस्तित्व नहीं है 


पंकज महाराज ने कहा कि चलाए गए शाकाहार सदाचार के प्रचार अभियान को उनके द्वारा निरंतर चलाया जा रहा है उन्होंने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की मार्मिक अपील किया और कहा कि हम चाहते हैं कि सब मे भाई चारे का विकास हो लोग गृहस्थ आश्रम में रहते हुए मेहनत ईमानदारी से अपना काम करें पंकज महाराज ने कहा कि खुदा प्रभु सब एक हैं इससे परिवार और समाज की व्यवस्थाएं ठीक रहेगी और आत्म कल्याण होगा


विशेषरगंज के काली जी मैदान मे जय गुरू देव मे आस्था रखने वाले व आम जन मानस के बीच करीब 40 मिनट तक पंकज जी महराज ने अपने विचार रखे।