*'भारत समाचार' के पत्रकार सुधीर सिंह 'गब्बर' ने आजमगढ़ के SSP त्रिवेणी सिंह के खिलाफ खोला मोर्चा, CM को भेजा पत्र*
Posted on August 21, 2019 सुधीर सिंह 'गब्बर'
श्रीमान् मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तर प्रदेश शासन,
लखनऊ।
विषयः आजमगढ़ जनपद में लूट, हत्या और भारी पैमाने पर हो रही गोहत्या को रोकने में नाकाम और भ्रष्ट्राचार में लिप्त पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह द्धारा पत्रकारों द्धारा खबर चलाये जाने से नाराज होकर पत्रकारों के खिलाफ साजिश रचने और पत्रकारों के उपर दर्ज कराये जा रहे फर्जी मुकदमों के सम्बन्ध में।
महोदय,
आपको अवगत कराना है कि प्रार्थी सुधीर सिंह जनपद आजमगढ़ उत्तर प्रदेश में टीवी चैनेल भारत समाचार का जिला संवाददाता है। और देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट आॅफ इंडिया (पीटीआई) का जिला प्रतिनिधि है, और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार है। प्रार्थी पिछले दस वर्षो से अधिक समय से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय है। और ईटीवी चैनल, इंडिया टुडे मैगजिन समेत दर्जनों मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुका है, और हमेशा देश और समाज से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों को ब्रेक करता रहा है।
यह कि आजमगढ़ जनपद में पुलिस कप्तान त्रिवेणी सिंह के चार्ज लेने के बाद लूट और हत्या की एक दर्जन बड़ी वारदाते हुई। साथ ही जिले में बड़े पैमाने पर गोवध किये जा रहे है। जिसमें आजमगढ़ पुलिस की गोतस्करों से मिली भगत के तमाम साक्ष्यों के बाद भी आजमगढ़ पुलिस कप्तान ने पुलिसकर्मीयों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस कर्मीयों और तस्करों को संरक्षण देने का काम किया। और जब पत्रकारों ने अपराध की खबरो को उठाया तो पत्रकारों को उत्यपीड़ित करना शुरू किया और अब प्रार्थी सुधीर सिंह के विरूद्ध साजिश रच कर मुकदमा दर्ज करा दिया है।
संपूर्ण प्रकरण बिन्दुवार निम्नवत है–
1- महोदय, आजमगढ़ जनपद के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र में पशु तस्करों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया । इसी थाना क्षेत्र के चांद पार गांव के पूर्व प्रधान हसीब के घर बांधी 8 बकरियों को आधी रात में पशुु तस्कर चुरा कर पिकअप वैन से भागने लगे। जब पूर्व प्रधान के बेटे ने पशु तस्करों का बाइक से पीछा किया तो तस्करों ने बाइक को 4 व्हीलर से टक्कर मार दिया। और हसीब का बेटा बाइक समेत खाई में चला गया और तस्कर फरार हो गये। बेटा काफी गंभीर घायल हो गया और कई दिनों तक कोमा में रहा। लेकिन जीयनपुर पुलिस पशु तस्करों की मोटी रकम के दबाव में न तो मुकदमा दर्ज की न कोई एफआईआर दर्ज की। बल्कि एक हफ्ता बाद थाने के दीवान अमरनाथ पांडे और इंस्पेक्टर आनन्द कुमार सिंह ने पशु तस्करों से मोटी रकम लेकर एक तस्कर की मां साहिम खातून से तहरीर लेकर उल्टे पीड़ितों पूर्व प्रधान, अस्पताल में जीवन मौत से जूझ रहे बेटे समेत आठ नामजद लोगों के विरूद्ध जिनमें कई व्यापारी भी थे फर्जी मुकदमा 71/2019 थाना जीयनपुर दर्ज कर दिया। जिससे पूरे इलाके में पुलिस थू थू होने लगी और मीडिया में खबरे आयी। तो एसपी त्रिवेणी सिंह नेे जांच बैठाई । जांच में एलआईयू इंस्पेक्टर और तत्कालीन सीओ बूढ़नपुर रामजनम (वर्तमान सीओ सगड़ी) की जांच में पशुु तस्करों की पुलिस से मिलीभगत उजागर हुई, और थाने के थानेदार आनंद कुमार सिंह और दिवान को अमरनाथ पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया। और पीड़ितों की तरफ से तहरीर लेकर तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ व कई तस्कर जेल भी गये। और पीड़ितों पर दर्ज मुकदमा बंद किया गया।
2- महोदय, लेकिन इस खबर के बाद पुलिस की किरकिरी हुई तो प्रार्थी पत्रकार सुधीर सिंह कप्तान त्रिवेणी सिंह के निशाने पर आ गए । जीयनपुर में नए कोतवाल विमलेश मौर्या आये। कुछ दिन में ही पशु तस्करों ने इनको भी अपने कब्जे में ले लिया। और पूरे इलाके में गोबध का काम पुलिस के संरक्चन में चलने लगा। तो जीयनपुर कोतवाली से एक किमी पश्चिम सिंघौटा गावँ में गाये काटी जाने लगी। ग्रामीणो ने पुलिस को कई बार बताया लेकिन पैसे के दबाव में पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की। फिर ग्रामीणो ने 2 गाय काटते समय 3 गो तस्करों को रंगे हाथ पकड़ लिया और रात में सैकड़ो ग्रामीणो ने हंगामा शुरू किया। और एक गो हत्यारे को पीटा भी। तब पुलिस पहुची और मांस समेत गो तस्करों को गिरफ्तार कर थाने लाई। लेकिन गो तस्करो के हाथों बिका कोतवाल विमलेश मौर्या ग्रामीणो को फर्जी मुकदमे में फसाने का दबाव बनाने लगा और तस्करों के खिलाफ गौ बध का मुकदमा दर्ज करने बजाय, मामूली मारपीट का एनसीआर नम्बर 113/2019, 323, 504 दिनांक 30.07.2019 को दर्ज कर 151 में शांति भंग में चालान करके गो बध के मामले को पचा ले गया। और कप्तान त्रिवेणी सिंह को पूरे साजिस में शामिल कर लिया। कप्तान ने भी मामले को पचा लिया, लेकिन ग्रामीणों ने जब गाय काटने का लाइव वीडियो और फोटो वॉयरल किये और प्रार्थी सुधीर सिंह समेत तमाम मीडियाकर्मी इसकी खबरे अपने संस्थानों में ब्रेक किये तो हड़कम्प मच गया। डीआईजी और डीएम दोनो के कड़े तेवर से कप्तान और जीयनपुर कोतवाल विमलेश मौर्या बैक फुट पर आए और उन्ही तस्करों के खिलाफ 24 घंटे में दूसरी एफआईआर 107/19 3/5/8 गोबध अधिनियम दिनांक 31.07.2019 को दर्ज कर लिया और एसडीएम कोर्ट से जमानत करा कर लौट रहे तस्करों को दुबारा मांस समेत जेल भेज दिया। कप्तान त्रिवेणी सिंह ने अपनी आफिस में एक फर्जी प्रेसवार्ता कर 40 किलो गोमांस के साथ दो तस्करों को रजादेपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजने की बात कही। और अपनी पीठ खुद ठोकी। जबकि इन्ही गो हत्यारो को ग्रामीणो ने खुद पकड़ कर पुलिस को सौंपा था और यही पुलिस 24 घंटे पहले उनका शांति भंग में चालान की थी। यह खबर मीडिया की सुर्खी भी बनी जिसमे इसी थाने का चैकीदार भी इस गोबध मे जेल गया है। थाने से एक किलोमीटर पीछे गोवध के कारोबार के खुलासे से हडकम्प मच गया।
3- महोदय, खबर छपने के बाद कप्तान त्रिवेणी सिंह के तेवर तानाशाही हो गए। और अपने भ्रष्ट मातहतों के खिलाफ कार्यवाही तो नही की क्यो की हर थाने से बंधा महीना कप्तान को जाता है। बल्किं पत्रकारो पर दबाव बनाने लगे। इसी बीच आजमगढ़ में बेखौफ बदमाश लगातार हत्या और लूट करने लगे। एक दर्जन से अधिक बड़ी वारदाते हुई। फूलपुर में व्यापारी से 12 लाख की दिनदहाड़े लूट हुई तो, एक ही रात में लालगंज और बरदह थाना छेत्रो 7 जगह सराब की दुकानों पर बदमासो ने ताबड़तोड़ लूट और जिले में कई हत्याएं हुई। तो आजमगढ़ में दहसत का माहौल हो गया। और आजमगढ़ का अपराध मीडिया में सुर्खी बनने लगा । तो कप्तान त्रिवेणी सिंह लगातार प्रार्थी को फोन कर और मौखिक रूप से भी मिलकर और अपने मातहत पुलिस अधिकारियों से प्रार्थी को खबर न चलाने के लिए दबाव बनाने लगे। और धमकी दिये कि अगर आप खबर चलाओगें तो आपके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में मुकदमें दर्ज कराकर जेल भेज दिया जायेगा व कैरियर खत्म कर दिया जायेगा।
4- महोदय, कप्तान अपराधियों और अपने भ्रष्ट मातहतो के बजाय जिले के मीडियाकर्मीयों को दबाने लगे। और उनको देख कर आपा खो देने लगे। गंभीरपुर थाने के एक पत्रकार के उत्पीड़न मामले में मिलने गए ग्रामीण पत्रकार एसोसिएसन के पदाधिकारियों से दुर्व्यहार किया। जिसकी खबरे सोशल मीडिया में खूब छायी।
5- महोदय, लगातार सही और निष्पक्ष खबरे उठा रहे पत्रकारो पर सेंसरशिप लगा दिया। आजमगढ़ पुलिस और मीडिया का न्यूज ग्रुप मीडिया सेल जिसमें जनपद के पत्रकारगण और पुलिस कप्तान समेत पुलिस विभाग के आला अधिकारी है और खबरों का एक दूसरे से आदान प्रदान करते है। मीडिया सेल से प्रार्थी सुधीर सिंह रिमूव कर दिया। रिमूव करने की कार्यवाई सर्विलांस सेल में तैनात सिपाही यशवंत सिंह ने की जो खुद कप्तान त्रिवेणी सिंह को रिश्ते में फूफा कहता है। कप्तान त्रिवेणी सिंह की पत्नी सिपाही यशवंत सिंह की कथित बूआ है। महोदय, यह कांस्टेबल सर्विलांस सेल में कार्य करता है और इसका मीडियाकर्मीयों से कोई वास्ता सरोकार नहीं है।
6- महोदय, इन्ही खबरों से बौखलाए कप्तान त्रिवेणी सिंह ने साजिश करके प्रार्थी पत्रकार सुधीर सिंह के विरूद्ध जीयनपुर कोतवाली में एक फर्जी मुकदमा 173/2019 दिनांक 10.08.2019 को दर्ज कराया। जिसमें कप्तान के साजिसी और हम प्रार्थी के पिता के विपक्षी श्यामनरायन सिंह को खड़ा कर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए । और आनन फानन में चार्जशीट लगाने की कार्रवाई की जा रही है।
7- यही नहीं प्रार्थी को एक अन्य उपरोक्त मुकदमा 71/2019 जो पशु तस्करों की तरफ से पीड़ितो के उपर दर्ज हुआ था जिसकी तहरीर में न तो प्रार्थी का नाम था, और न वे लोग प्रार्थी को जानते थे और वह मुकदमा बंद हो गया था को कप्तान ने पुनः विवेचना का आदेश देकर उसमें प्रार्थी को आरोपी बनाने की साजिश कर रहे है। जबकि 10 दिन पहले ही प्रार्थी सुधीर सिंह को जिलाधिकारी आजमगढ़ ने उत्तम चरित्र प्रमाण पत्र दिया है। और इसी कप्तान त्रिवेणी सिंह ने अपनी संस्तुति की है कि आजमगढ़ के किसी थाने में सुधीर के विरुद्ध एक भी मुकदमा नही दर्ज है। फिर आनन फानन में सुधीर अपराधी कैसे हो गए।
8- महोदय, कप्तान त्रिवेणी सिंह आजमगढ़ मंडल के ही जिले बलिया के मूल निवासी है, और उनके तमाम निजी और जातिय संबन्ध आजमगढ़ के लोगों से है। आजमगढ़ कई कुख्यात माफिया जनपद बलिया की जेलों में है। इन सारे लोगों से पुलिस कप्तान त्रिवेणी सिंह से सांठ-गाठ करके प्रार्थी के खिलाफ साजिश कर सकते है।
9- महोदय, आजमगढ़ जनपद के तमाम हिस्ट्रीसिटर थानों में बैठकर थानेदारों के साथ सांठ-गांठ करते है और पुलिस अधिकारियों के साथ सेल्फी लेकर सोसल मीडिया पर पोस्ट करते है। जिसके साक्ष्य भी प्रार्थी के पास मौजूद है। गोमांस के सौदागरों और आजमगढ़ पुलिस की मिलीभगत है जो हर महीने लाखो का वारा न्यारा कर रही है। और पूरे रैकेट में कप्तान त्रिवेणी सिंह के साथ इंस्पेक्टर जीयनपुर विमलेश मौर्या, भ्रस्ट दिवान अमरनाथ पांडे और कई पुलिसकर्मी और अपराधिक प्रवृत्त के लोगों की साजिश है। जो गोबध के एवज में पत्रकारो को दबा रहे है।
प्रार्थना – महोदय, आप से निवेदन है कि उपरोक्त सभी प्रकरण की कप्तान त्रिवेणी सिंह और उनके मातहत अधिकारीयों के अतिरिक्त किसी भी उच्चाधिकारी से निष्पक्ष जांच करायी जाय। प्रार्थी के विरूद्ध दर्ज हो रहे फर्जी मुकदमों में जांच कर प्रार्थी को दोषमुक्त किया जाय। भ्रष्ट्रचार और गोवध में लिप्त पूर्वाग्रह से ग्रसित पुलिस कप्तान समेत उनके मातहतो पर कड़ी कार्रवाई की जाय। और प्रार्थी के जान-माल की सुरक्षा की जाय, ताकि प्रार्थी निष्पक्ष रूप से अपनी पत्रकारिता कर सके।
सुधीर सिंह 'गब्बर'
जिला संवाददाता- भारत समाचार टीवी/पीटीआई
जनपद- आजमगढ
मोबाइल नंबर- 09454337444, 08707526035
प्रेषित प्रतिलिपिः- प्रार्थी-
1-महामहिम राज्यपाल उ0प्र0
2- मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन
3- अपर मुख्य सचिव गृह उ0प्र0
4- पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ
5- गृह सचिव उ0प्र0
6- एडीजी जोन वाराणसी
7- मंडलायुक्त आजमगढ
8- डीआईजी आजमगढ
9-जिलाधिकारी आजमगढ
10-पुलिस अधीक्षक आजमगढ