चिनीमिल घोटाला मायावती समेत जांच की आंच कइयों तक पहुंचेगी

 



*वाराणसी/लखनऊ:* एक दशक पहले प्रदेश की नौकरशाही पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव नेतराम की पकड़ कुछ यूं थी कि पत्ता भी उनकी मर्जी के बगैर नहीं हिलता था। पिछले विधानसभा चुनाव के समय भी वह सत्ता में वापसी के आसार को ध्यान में रखते हुए खासे सक्रिय थे। लोकसभा चुनावों के समय बसपा सुप्रीमों से आला अफसरों की मुलाकात के पीछे भी उनकी भूमिका बतायी जाती थी। अब केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने उनके साथ मायावती के एक अन्य करीबी आईएएस अफसर पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। मंगलवार को नेतराम के साथ बसपा सरकार में यूपी चीनी निगम में एमडी विनय प्रिय दुबे के यहां सीबीआई ने छापेमारी कर अहम दस्तावेज बरामद किये हैं।


*चीनी मिल घोटाले को लेकर कार्रवाई*


सूत्रों का दावा है कि मायावती के प्रमुख सचिव और बसपा सरकार में कई अहम पदों पर रहे रिटायर आईएएस नेतराम और यूपी चीनी निगम में एमडी विनय प्रिय दुबे के यहां छापेमारी का सबब प्रदेश के बहुचर्चित चीनी मिल घोटाला है। सीबीआई टीन ने घंटों से चल रही छापेमारी के दौरान गोमती नगर और अलीगंज स्थित दोनों के घर से कई अहम दस्तावेज अपने कब्जे में लिये हैं। छापेमारी के दौरान किसी को भी न तो भीतर जाने की इजाजत थी न ही बाहर आने की।


*जांच की आंच कइयों तक पहुंचेगी*


गौरतलब है कि करोड़ों की चीनी मिलों की कौड़ियों के भाव बिक्री को लेकर पहले से सवाल उठते रहे हैं। खरीदारों में भी कई राजनेता या उनसे जुड़े लोग शामिल थे। खास यह कि लोकसभा चुनावों में गठबंधन करने वाले अखिलेश यादव खुद इसे लेकर सवाल उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि जांच की आंच कइयों तक पहुंचेगी और मिले दस्तावेज इस तरफ इशारा किये तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।