चीनी मिल घोटाले के आरोपियों को राहत नहीं
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य चीनी निगम लिमिटेड की सात चीनी मिलों को बेचने में करोड़ों की धोखाधड़ी और घोटाले के आरोपियों की याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि वह लखनऊ पीठ में याचिका दाखिल कर सकते हैं। याचिका में गोमतीनगर कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने याचिका का विरोध किया।
यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति आईए खान की खंडपीठ ने नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नई दिल्ली की डायरेक्टर सुमन शर्मा, सहारनपुर के कंपनी डायरेक्टर मो. नसीम अहमद, मो. जावेद और मो. वाजिद अली की याचिका पर दिया है।
प्रदेश राज्य चीनी निगम की 10 चालू व 11 बंद चीनी मिलें सरकार ने बेच दी थीं। जिसे नम्रता मार्केटिंग ने नीलामी में खरीदा।
निगम के मुख्य प्रबंधक एस के मेहरा ने धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। रामकोला, देवरिया, कुशीनगर, बरेली सहित कई अन्य जगहों की चीनी मिलें बेचीं गईं।
सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी। इसके बाद 22 फरवरी 2019 को घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। इसके खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।