कांग्रेस के Manifesto की पाकिस्‍तान में तारीफ...जाने क्यों ???

नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान में कांग्रेस के मैनिफेस्‍टो की जमकर तारीफ हो रही है। पाकिस्‍तान के डॉन अखबार के मुताबिक कांग्रेस का मैनिफेस्‍टो सार्क और कश्‍मीर के लिए सकारात्‍मक है। कांग्रेस पार्टी ने कश्‍मीर में मानवाधिकारों को बहाल करने और उत्‍पीड़न को खत्‍म करने की बात कही है। 


मैनिफेस्‍टो में देशद्रोह की धाराओं को खत्‍म करने की बात की गई है। इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। इसे आतंकवादियों और अलगाववादियों के तुष्टिकरण की कोशिश बताया है।


पाकिस्‍तानी अखबार के अनुसार मैनिफेस्‍टो में किए गए वादों को पड़ोसियों के लिए काफी सकारात्‍मक बताया है। भारत में अप्रैल-मई के महीनों में हो रहे लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार को बदलने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने मैनिफेस्‍टो में क्षेत्रीय संबंधों को सुधारने के लिए सार्क के तहत पड़ोसी देशों के साथ काम करने की स्पष्ट उम्मीदें पेश कीं, जिसका मोदी सरकार को काफी नुकसान हुआ है।


 


मैनिफेस्‍टो को जारी करते हुए कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि कांग्रेस व्यापार, निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए सार्क और आसियान देशों के साथ काम करेगी और भौगोलिक निकटता का लाभ लेगी।


 


संवेदनशील मुद्दे सैन्य बजट, आतंकवाद, पाकिस्तान और कश्मीर पर प्रतिबद्ध लोगों को स्‍वर नही देने पर पीएम मोदी के खिलाफ आवश्‍यकता से अधिक गुस्‍सा देखा गया है। कांग्रेस उन कानूनों को निरस्त करने के लिए एक व्यापक समीक्षा शुरू करेगी जो पुराने हैं या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करते हैं। मैनिफेस्‍टो में  देशद्रोह के अपराध को पारिभाषित करने वाली आइपीसी की धारा 124A को बदलने की बात कही गई जिसका दुरुपयोग किया गया है। नया कानून संविधान सम्‍मत अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के अनुरूप बिना परीक्षण के गिरफ्तारी पर रोक लगाएगा।


विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा कि कांग्रेस के मैनिफेस्‍टो से देशद्रोही और अलगाववादी खुश हैं। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी सर्जिकल स्‍ट्राइक और एयर स्‍ट्राइक के जरिये पाकिस्‍तान के आतंकी हमलों को करारा जवाब दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी देशद्रोह को अपराध मानने से इनकार कर रहे हैं। 


 


हिरासत या पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री के तरीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और यातना, क्रूरता या अन्य अत्याचार के मामलों को दंडित करने के खिलाफ एक कानून पारित करने की बात कही गई, जिसका उपयोग उत्‍तर पूर्व और कश्मीर के विद्रोहियों और वामपंथी कार्यकर्ताओं के हित में किया जाएगा। कांग्रेस ने जम्मू और कश्मीर और उत्तर पूर्व में सुरक्षा बलों को ताकत देने वाले आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA-आफस्‍पा) में संशोधन की बात कही है।  


  


कश्‍मीर के बारे में मैनिफेस्‍टो में कहा गया है कि कांग्रेस का काफी समय से यह विचार है कि जम्मू-कश्मीर के तीन क्षेत्रों के लोगों की आकांक्षाओं को समझने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। इसके लिए उनके मुद्दों का सम्मानजनक हल ढूंढना होगा। इसके लिए हम वह रास्‍ता ढूंढेंगे। यह जानबूझकर अस्पष्ट छोड़ दिया गया है कि क्या इस "संवाद" में पाकिस्तान भी शामिल होगा।


वहीं कांग्रेस मैनिफेस्‍टो पर हमला करते हुए अरुण जेटली के अनुसार ऊपर से अच्छी दिखने वाली कांग्रेस के वादे की तह में जाने पर पता चलता है कि यह देश के लिए कितना खतरनाक है। इसमें अलगाववादियों से बातचीत करने, आफस्पा (सशस्त्र सेना विशेष सुरक्षा कानून) को हटाने, देशद्रोह की धारा को समाप्त करने और सभी अपराधियों को जमानत देना जैसे वादे राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर देश को विभाजन की ओर ले जाने वाले हैं।



 


कांग्रेस को घोषणापत्र तैयार करने में शामिल शहरी नक्सलियों ने तमाम अपराध के बावजूद अपनी जमानत का इंतजाम करने की कोशिश की है। इसके लिए कानून की विभिन्न धाराओं में संशोधन किया जाएगा। जाहिर है जमानत के नियम बन जाने के बाद नक्सलियों के साथ-साथ आतंकी और महिलाओं के साथ अपराध करने वालों का भी कानूनी शिकंजे से बचना सुनिश्चित हो जाएगा। वहीं महिलाओं को सुरक्षा देने का केवल जुबानी वादा किया गया है। जेटली ने कहा, 'लगता है माओवादियों का जरूरत से ज्यादा सहयोग ले लिया गया है।'