ब्रिटेन को उम्मीद, जैश सरगना मसूद अजहर को UN से वैश्विक आतंकी घोषित कराएंगे

   जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमेटी में फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया प्रस्ताव लेकर आए थे। बहरहाल, चीन ने प्रस्ताव पर 'तकनीकी रोक' लगा दी थी। इसके बाद, अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को कालीसूची में डालने के लिए प्रस्ताव लेकर आया।


    ब्रिटेन ने शुक्रवार को कहा कि वह जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा जल्द ही एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के प्रति आशावादी है। साथ ही, पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ 'सत्यापित' किये जाने योग्य कार्रवाई करने की भी मांग की। ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक ऐसक्वीथ ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पुलवामा आतंकी हमला और इसके बाद के घटनाक्रमों के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने में ब्रिटेन सक्रियता से शामिल रहा था।


भारत के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि ब्रिटेन बेक्जिट के बाद भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहता है क्योंकि वह और भी प्रगाढ़ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता को भी इच्छुक है। अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित कराने के बारे में पूछे जाने पर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा, ''हम यह देखना चाहते हैं कि इसमें अडंगा डाल रहा देश (चीन) क्या अपना प्रतिरोध बंद करता है। हम इस बारे में आशावादी हैं।"


इससे पहले चीन ने बीते 17 अप्रैल को इन खबरों को खारिज किया कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्म्द के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर संयुक्त राष्ट्र में लगाई गई तकनीकी रोक को हटाने के लिए 23 अप्रैल तक की समयसीमा दी है। चीन ने दावा किया कि यह एक पेचिदा मामला है और यह हल होने की दिशा में बढ़ रहा है।