सेना के जवान से अभद्रता के मामले मे खबर चलने के बाद सम्बन्धित विभाग ने लिया संज्ञान !

डेरवा / प्रतापगढ*सेना के जवान से अभद्रता के मामले मे खबर चलने के बाद सम्बन्धित विभाग ने लिया संज्ञान !



 सेना के रिटायर्ड जवान से अभद्रता मामले की शिकायत प्रधानमंत्री डीजीएमों व मुंबई हेड ऑफिस स्टेट बैंक के अधिकारियों से होने पर मचा हड़कंप। कुछ माह पूर्व भारतीय सेना के एक रिटायर फौजी अपनी पिता के इलाज के लिए भारतीय स्टेट बैंक राजापुर बिंधन पैसे निकलवाने गए थे। आरोप है कि ब्रान्च मैनेजर मनोज यादव द्वारा रिटायर फौजी से पैसे निकलवाने के एवज में कमीशन एंव रिश्वत की मांग किया गया था , कमीशन न मिलने पर मैनेजर ने पीड़ित के खाते में भेजी गई राशि पर लगा दिया होल्ड। जब इस बात की जानकारी करने सेना का जवान बैंक पहुंचा तो मैनेजर साहब ने पीड़ित से कहा कि पैसा आपके खाते में भेजने के बाद भी हमारा कमीशन नहीं मिला इसलिए आपके खाते पर होल्ड लगा दिया गया है ,जब तक कमीशन नहीं मिलेगा तब तक तुम 1भी रुपया नहीं निकाल सकोगे। इसी बात को लेकर ब्रांच मैनेजर मनोज यादव ने सेना के जवान के साथ अभद्रता और बदतमीजी किया। इसी मामले की शिकायत पीड़ित ने बैंक के उच्च अधिकारियों से करने के बाद इस मामले को जिला सत्र न्यायालय में मैनेजर के खिलाफ वाद दायर किया गया है। पीड़ित ने बताया कि मामला न्यायालय के संज्ञान में आते ही बैंक के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है ।भारतीय स्टेट बैंक बड़े-बड़े अधिकारी मामले को दबाने के लिए पीड़ित सेना की जवान से सुलह के लिए बना रहे हैं बराबर दबाव और अपने मैनेजर द्वारा सेना के जवान से की गई अभद्रता को पूरी तरह से छुपाना चाहते है बैंक के अधिकारी। वैसे यह कोई नया मामला नहीं है भारतीय स्टेट बैंक की ब्रांच राजापुर विंधन का। आए दिन मैंनेजर बैंक कस्टमर के साथ बदसलूकी करता रहता है।
बता दें कि हाल ही में महेशगंज थाना क्षेत्र की एक दलित महिला ने राजापुर विंधन बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ छेड़खानी की दी थी तहरीर जिसकी जांच तत्कालीन थानाध्यक्ष रहे संजय पांडेय ने जब शुरु किया तो पूरे मामले को बैंक मैनेजर ने अपने राजनीतिक प्रभाव से दबाव बनाकर मामले को शांत करा दिया ।
हालांकि खबर कुछ समाचार चैनलों व सोशल मीडिया पर वायरल होने पर जागा सम्बन्धित विभाग और मामले का लिया है गंभीरता से संज्ञान , फिलहाल यह तो आने वाला समय बताए गा कि मामले मे मिलता है पीड़ित को न्याय या फिर कागजों मे ही सिमट जाएगा न्याय !


*___अरविन्द दुबे / राजीव ( समाचार today )*