पर्रिकर के निधन पर राष्ट्रीय शोक का एलान, कल सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक

गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही. पिछले एक साल से बीमार चल रहे पर्रिकर का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था.


 


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य की राजधानियों में कल राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा. वहीं, सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई गई है.


 


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पर्रिकर की याद में दो मिनट का मौन रखा जाएगा और जन प्रतिनिधि के रूप में उनके योगदान की प्रशंसा में एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा. बता दें कि जब भी किसी राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता या मंत्री का निधन होता है तो केंद्रीय मंत्रिमंडल निधन पर शोक जताने के लिए बैठक करता है.


 


 


दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था पर्रिकर का स्वास्थ्य


 


मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. मनोहर पर्रिकर का पणजी में उनके निजी आवास पर रविवार की शाम निधन हो गया. वह 63 साल के थे. चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. पिछले एक साल से बीमार चल रहे पर्रिकर का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था.


 


जीवनरक्षक प्रणाली पर थे पर्रिकर 


 


सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. पर्रिकर के परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के तौर पर शुरुआत कर गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही.


 


वह सर्वस्वीकार्य नेता थे. ना सिर्फ बीजेपी बल्कि दूसरे दलों के लोग भी उनका मान-सम्मान करते थे. उन्होंने गोवा में बीजेपी को मजबूत आधार प्रदान किया. लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहने वाले गोवा में क्षेत्रीय संगठनों की पकड़ के बावजूद बीजेपी उनके कारण मजबूत हुई.


 


1994 में पणजी सीट से बीजेपी टिकट पर चुनाव जीता


 


मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया. यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे. सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से बीजेपी टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ. वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे.