ऑपरेशन बालाकोट को लेकर बड़ा खुलासा, हमले से ठीक पहले आतंकी ठिकानों के आसपास सक्रिय थे 300 मोबाइल फोन

ऑपरेशन बालाकोट को लेकर बड़ा खुलासा, हमले से ठीक पहले आतंकी ठिकानों के आसपास सक्रिय थे 300 मोबाइल फोन


पाकिस्तान के बालाकोट में कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में चल रही चर्चा के बीच वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने सोमवार को कहा था कि इस बारे में जानकारी सरकार देगी.


    


नई दिल्ली: पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकियों के खिलाफ भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इस ऑपरेशन में कितने आतंकी मारे गए? इस बीच भारतीय खुफिया एजेंसियों की तकनीकी सर्विलांस नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) ने बड़ा खुलासा किया है. इसकी मानें तो बालाकोट में जैश ए मोहम्मद (जेइएम) के कैंप पर वायुसेना की कार्रवाई से पहले 300 के करीब मोबाइल फोन एक्टिव (सक्रिय) थे. यह आतंकियों की संख्या पर दिये जा रहे आंकड़ों को और अधिक पुख्ता करता है.


सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने एनटीआरओ की इस जानकारी की पुष्टि की थी. सूत्रों ने बताया कि वायु सेना को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शिविर में हमले की अनुमति मिलने के बाद एनटीआरओ ने सर्विलांस शुरू किया था 



 


ध्यान रहे कि 26 फरवरी को वायुसेना के मिराज 2000 ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए बालाकोट में आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक किया था. बालाकोट हमले में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में चल रही चर्चा के बीच वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने सोमवार को कहा था कि इस बारे में जानकारी सरकार देगी और वायुसेना केवल यह देखती है कि निशाना लगा या नहीं.


 


सरकारी सूत्रों ने कहा था कि हमले में 350 आतंकवादी मारे गए जबकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हमले में 250 आतंकी मारे गए. मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया है कि बहुत कम नुकसान हुआ और विपक्षी नेताओं ने स्थिति साफ करने की मांग की. लेकिन, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.


 


धनोआ ने कहा, ‘‘हम मरने वालों की गिनती नहीं करते. हम बस इतना गिनते हैं कि कितने ठिकानों पर निशाने लगे और कितनों पर नहीं.’’ बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद आई यह उनकी पहली टिप्पणी है.


 


पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के 12 दिन बाद बालाकोट हमले के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वायु सेना यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कितने लोग मारे गए. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अभियान के बाद क्षति आकलन में केवल उन लक्ष्यों की गिनती की जाती है, जिनपर निशाना लगा और जिनपर नहीं . धनोआ ने कहा, ‘‘हम मरने वालों की गिनती नहीं करते. हम बस इतना गिनते हैं कि कितने ठिकानों पर निशाने लगे और कितनों पर नहीं.’’