अक्षय कुमार की देशभक्ति और जज्बे से भरपूर है केसरी, फर्स्ट हाफ रहा कमजोर

अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म केसरी का रिव्यू आ गया है। इस फिल्म में अक्षय ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है।


 बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की फिल्म केसरी होली के मौके पर रिलीज हुई। फिल्म की कहानी सारागढ़ी में हुए युद्ध पर आधारित है, जो 12 सितंबर 1897 में लड़ा गया था। इसमें एक आर्मी पोस्ट पर 21 सिख तैनात थे, जिनका नेतृत्व हवलदार ईशर सिंह ने किया। जिन पर दस हजार अफगानों ने हमला कर दिया था। इन 21 सिखों ने मिलकर उन हजारों अफगानों का बहादुरी से मुकाबला किया। केसरी में अक्षय, हवलदार ईशर सिंह का किरदार निभा रहे हैं। इसमें परिणीति चोपड़ा भी उनके साथ नजर आ रही हैं।


फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी लंबा था। उसमें ज्यादातर पार्ट ऐसे लग रहे थें, जैसे उन्हें जबरदस्ती डाला गया हो। फिल्म में बिना वजह कई सारे सीन्स भरे गए हैं, लेकिन फिर भी इससे अक्षय कुमार के किरदार ईशर सिंह के अलाव कोई कैरेक्टर उठ कर सामने नहीं आता है। फिल्म की कहानी के बारे में पहले से ही पता था कि इसमें 21 सिखों की सेना की टुकड़ी पर 10 हजार अफगानी हमला कर देते हैं, लेकिन फिल्म में ये पॉइंट इंटरवल से कुछ देर पहले ही आता है। ऐसे में लगता है कि शुरू का 1 घंटा काफी बर्बाद किया गया। फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको उबा सकता है।


 


असली कहानी फिल्म के सेकंड पार्ट से ही शुरू होती है, जिसमें सारागढ़ी का युद्ध दिखाया जाता है। इस बात के लिए मेकर्स की तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने केसरी के सेकंड हाफ में कुछ और दिखाने की बजाए सिर्फ युद्ध दिखाया है। लेकिन फर्स्ट हाफ को 30 मिनट तक काटा जा सकता था, क्योंकि फिल्म के लिए वो बहुत भारी हो गया। फिल्म के सेकंड हाफ में युद्ध के सीन कमाल के थे। एक्शन कोरियोग्राफी बेहद अच्छी की गई है और एक्शन सीक्वेंसेज की बखूबी फिल्माया गया है।


केसरी की सिनेमेटोग्राफी काफी खूबसूरत थी, लेकिन आप सीन्स देखकर समझ जाएंगे कि इनमें ज्यादातर ग्रीन स्क्रीन थी। साथ ही ब्लास्ट के सीन के दौरान सीजीआई की खामियां भी साफ झलकती हैं। तलवार से मारने का सीन भी कई जगहों को नकली लगा। मेकर्स को वीएफएक्स पर थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत थी। फिल्म की एडिटिंग काफी कमजोर थी और फर्स्ट हाफ का स्क्रीन प्ले कुछ खास नहीं लगा। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत अच्छा था। इसका टेक्सचर भी कमाल रहा।


 


परफॉर्मेंस की अगर बात करें तो विदेशियों से लेकर हमला करने वाले अफगानों और सिख सैनिकों तक, सबकी एक्टिंग ठीक रही, लेकिन इन सब में अक्षय कुमार अलग से ही चमक रहे थे। अक्षय इस फिल्म की जान थे और पूरी फिल्म का जिम्मा उन्होंने अपने कंधे पर उठाया हुआ था। उनकी एक्टिंग जबरदस्त थी। फाइट सीक्वेंस में हमलावरों से घिरे अक्षय का गुस्सा देखने लायक था। परिणीति चोपड़ा की अगर बात करें तो इस फिल्म में उनका बहुत छोटा रोल था, लेकिन उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया।


 


एक्टिंग के अलावा बाकी सभी कमियों के बाद भी फिल्म आपको आखिर तक बांधे रखती है। 21 सिखों की बहादुरी और शहादत देखकर आपके आंखों में भी पानी आ जाएगा। फिल्म के आखिर में 'तेरी मिट्टी' गाना आपको देशभक्ति का अहसास करवाएगा। ओवरऑल देखा जाए तो केसरी एक देशभक्ति से भरपूर फिल्म है, जिसमें एक्शन के साथ-साथ इमोशन्स भी हैं। आपको एक बार ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।