सपा-बसपा ने बिछाई चुनावी बिसात, यहां से मुलायम की बहू और मुख्तार के भाई ठोंकेगे ताल!

    लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजते ही सपा-बसपा गठबंधन ने अपनी बिसात बिछा दी है। इसीक्रम में दोनों पार्टियों ने आपस में सीटों का बंटवारा बीते गुरुवार को कर लिया। सपा-बसपा गठबंधन की सीटें तय होने के बाद वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल की 12 सीटों के उम्मीदवारों पर सबकी नजरें लग गई हैं। चुनाव दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि आजमगढ़ जिले की दो सीटों में एक-एक सीट पर दोनों पार्टियां लड़ेंगी वहीं जौनपुर जिले की दोनों सीटों के अलावा दोनों सुरक्षित सीटों पर बसपा प्रत्याशी उतारे जाएंगे। तो आइए एक नजर डालते है कि इस बार यह चुनावी बिसात किस आधार पर बिछाई गई है और किसके कहां से चुनाव लड़ने की संभावनाएं बन रही है। 



  सपा-बसपा गठबंधन ने वीआईपी सीटों पर सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सियासी घेराबंदी इस तरह की गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में सपा और गाजीपुर में रेल और संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को बसपा से मुकाबला करना होगा। नए हालात में संभावना यह भी है कि भाजपा अपने कुछ उम्मीदवारों का क्षेत्र बदल सकती है।2014 के लोकसभा चुनाव में सपा को केवल आजमगढ़ सीट मिली थी और इस बार भी सपा को मिली है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (340306) ने भाजपा के रमाकांत यादव (277102) को 63204 वोट से हराया था। इस बार मुलायम के यहां से लड़ने की घोषणा के बाद पूर्व मंत्री बलराम यादव, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, अखिलेश यादव और हवलदार यादव दावेदारी कर रहे हैं। एक राय न बनने पर सीट को बरकरार रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।


 वहीं, चंदौली से भाजपा के डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय 414135 वोट पाकर जीते थे तो बसपा के अनिल मौर्या को 257379 वोट मिले थे। अनिल मौर्या अब भाजपा में हैं। सीट भी सपा के खाते में आ गई है। हालांकि सपा के रामकिशुन यादव 204145 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। अब यादव के अलावा पूर्व विधायक मनोज सिंह यहां से टिकट मांग रहे हैं। यही नहीं, मिर्जापुर में सपा प्रत्याशी के तौर पर सुरेंद्र पटेल (108859) की जमानत जब्त होने के बावजूद सपा यहां से फिर लड़ेगी। 2014 में अपना दल की अनुप्रिया पटेल (436536) के मुकाबले बसपा की समुद्रा देवी (217457) दूसरे स्थान पर रहीं थी। अब यहां से सांसद रह चुके बाल कुमार पटेल, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर यादव और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कुंवर प्रमोद चंद्र मौर्य चुनावी तैयारी कर रहे हैं।


  बलिया से भाजपा के भरत सिंह ने सपा प्रत्याशी नीरज शेखर को 139434 वोटों से हराया था। उस समय बसपा प्रत्याशी संग्राम सिंह (204094) दूसरे नंबर पर थे। फिलहाल, नीरज शेखर राज्यसभा सदस्य हैं तो संग्राम सिंह सपा के जिलाध्यक्ष हैं। दोनों ही उम्मीदवारी की जुगाड़ में हैं। इसीक्रम में सोनभद्र के राबर्ट्सगंज सीट से बसपा लड़ेगी। इस बार दुद्धी की पूर्व विधायक रूबी प्रसाद और पहले कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके रामधर जोसफ टिकट मांग रहे हैं। भाजपा के छोटेलाल खरवार ने बसपा के शारदा प्रसाद को 190486 वोट से हराया था। हालांकि चकिया (चंदौली) के पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार को प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी लेकिन स्थितियां बदल गई हैं। 


दूसरी ओर हॉट सीट मानी जा रही गाजीपुर से बसपा पूर्व सांसद अफजाल अंसारी पर दांव लगाने की तैयारी में है। अफजाल 2004 में सपा से सांसद थे। 2014 में भाजपा के मनोज सिन्हा को 306929 वोट मिले थे, जबकि सपा से चुनाव लड़ीं पूर्व मंत्री बाबू लाल कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या ने 274477 वोट पाए थे। मऊ के घोसी से 2014 में बसपा से दारा सिंह चौहान चुनाव लड़े थे। अब दारा सिंह प्रदेश में मंत्री हैं। भाजपा के हरिनारायण राजभर (379979) के मुकाबले उन्हें 233782 और कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी 166443 और सपा के राजीव राय को 165887 वोट मिले थे। बसपा से अतुल राय और जनवादी पार्टी के प्रमुख संजय सिंह चौहान यहां से टिकट मांग रहे हैं।


  आजमगढ़ के लालगंज से बसपा ने कुछ माह पहले पूर्व सांसद डॉ. बलिराम की जगह पर पूर्व मंत्री घूरा राम को प्रत्याशी बनाया था। अब इसमें बदलाव संभव है। 2014 में भाजपा की नीलम सोनकर को 324016, सपा के बेचई सरोज 260930 और बसपा के डॉ. बलिराम को 233971 वोट मिले थे। उधर, जौनपुर से बसपा के टिकट के लिए पूर्व मंत्री सुभाष चंद्र पांडेय और मुंबई निवासी उद्योगपति अशोक सिंह के बीच मुकाबला है। 2014 में भाजपा के केपी सिंह 367149 वोट पाकर यहां से जीते थे, जबकि बसपा के सुभाष चंद्र पांडेय को 220839 और सपा के पारसनाथ यादव को 180803 मत मिले थे। 


जौनपुर के मछलीशहर से भाजपा के रामचरित्र निषाद 438210 वोट पाकर जीते थे। बसपा के वीपी सरोज को 266055 और सपा के तूफानी सरोज को 191387 वोट मिले थे। यहां से अजगरा से बसपा विधायक रह चुके टी राम का नाम लिया जा रहा है। भदोही से बसपा ने पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र का नाम घोषित कर दिया है। 2014 में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त 403544 वोट पाकर जीते थे। 245505 वोट से बसपा के राकेशधर त्रिपाठी दूसरे और सपा की सीमा मिश्रा 238615 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रही थीं।


  इसी बीच गठबंधन की सीटें तय होने के साथ ही वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को उतारने की अटकलें बढ़ गई हैं। सीट सपा के खाते में है लेकिन कहा जा रहा है कि यहां से विपक्ष का साझा प्रत्याशी लड़ेगा। गठबंधन की ओर से कांग्रेस को इसके लिए मनाने के एवज में कुछ सीटों पर कमजोर प्रत्याशी दिए जा सकते हैं। 


  इसी क्रम में दो दिन पहले मिर्जापुर और सोनभद्र में दो दिन का दौरा कर हार्दिक इसकी संभावनाएं तलाश चुके हैं। दिसंबर में भी वह वाराणसी आए थे। 2014 में प्रधानमंत्री को 581022 वोट मिले थे, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 209238 वोट पाए थे। कांग्रेस के अजय राय ने 75614 और बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल ने 60579 वोट पाए थे। सपा के कैलाश चौरसिया चौथे स्थान पर थे।