कोचिंग की फीस भरने के लिए फिल्म में किया था काम, ऑस्कर के रेड कार्पेट पर पहुंची हापुड़ की स्नेहा

हाल ही में 'पीरियड इंड ऑफ सेंटेंस' को 'डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट' श्रेणी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। वहीं इस फिल्म में अहम किरदार निभाने वाली स्नेहा काफी चर्चा में हैं।


Oscars 2019 winner short film period end of sentence:देश के सबसे बड़े अवॉर्ड फंक्शन ऑस्कर 2019 का आयोजन लॉस एंज‍िल्स में 25 फरवरी को हुआ। हर साल की तरह इस बार भी कई हॉलीवुड स्टार्स ऑस्कर में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हुए हैं। वहीं भारतीय शॉर्ट फिल्म 'पीरियड इंड ऑफ सेंटेंस' की काफी चर्चा हो रही है। बता दें कि इस फिल्म को 'डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट' श्रेणी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। 


खास बात यह है इस फिल्म में अहम किरदार निभाने वाली स्नेहा इंडियन हैं। स्नेहा उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली एक आम लड़की हैं। 'पीरियड इंड ऑफ सेंटेंस' में अहम किरदार निभाने की वजह से वह ऑस्कर का हिस्सा बनने पहुंची, जहां, उन्हें क्रॉप टॉप और लॉन्ग स्कर्ट के साथ स्टाइलिस्ट लुक में देखा गया।


असल जिंदगी में बेहद साधारण दिखने वाली स्नेहा पेशे से एक्ट्रेस नहीं हैं लेकिन इस फिल्म ने उनकी जिंदगी बदल दी। आखिर स्नेहा को यह फिल्म कैसे मिली और कब मिली यह काफी दिलचस्प किस्सा है।


   फिल्म में कहानी और कलाकार दोनों ही भारत के हैं। इस डॉक्यूमेंट्री का डायरेक्शन रायका जेहताबची ने किया है और इसे भारतीय प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की 'सिखिया एंटरटेनमेंट' ने प्रोड्यूस किया है। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक स्नेहा ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री में जिस संस्था के बारे में दिखाया गया है वह उसमें काम करती थी। वह पुलिस बनना चाहती थी जिसकी तैयारी के लिए उन्हें पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वह कम्पनी में काम कर उन पैसों से कोचिंग की फीस जमा करती थी।


उन्होंने बताया कि संस्था में जुड़ने की वजह से डायरेक्टर की नजर मुझपर गई। वह चाहते थे कि इस फिल्म में मैं काम करूं, पहले तो मुझे काफी शर्म आई लेकिन बाद में मैने सोचा कि जब आगे बढ़ना है तो शर्म क्यों करूं। स्नेहा ने बताया कि फिल्म में उनकी रियल लाइफ को दिखाया गया है।