जाने क्या है और क्यो आवश्यक है वार मेमोरियल






नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) का उद्घाटन करेंगे। यह स्मारक आजादी के बाद से देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। रक्षा मंत्री, सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख समेत कई गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। पीएम मोदी इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को भी संबोधित करेंगे।


यह स्मारक उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्धों, 1999 में कारगिल संघर्ष और श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के ऑपरेशन के दौरान देश की रक्षा के लिए अपना जीवन त्याग दिया


पीएम मोदी पत्थर से बने स्तंभ के नीचे ज्योति को प्रज्ज्वलित कर 40 एकड़ में फैले युद्ध स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसकी कुल लागत 176 करोड़ रुपए है। एक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से इसकी डिजाइन चुनी गई। आजादी के बाद शहीद हुए 25,942 भारतीय सैनिकों के नाम यहां पत्थरों पर लिखे गए हैं।


मुख्य संरचना को चार चक्रों के रूप में बनाया गया है, जिनमें से प्रत्येक सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाता है। चक्रव्यूह की संरचना से प्रेरणा लेते हुए इसे बनाया गया है। इसमें चार वृत्ताकार परिसर होंगे और एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी होगा जिसके तले में अखंड ज्योति दीप्तमान रहेगी। 


सशस्त्र बलों के भविष्य के समारोहों के लिए भी स्मारक जगह के रूप में काम करेगा। स्मारक में अन्य विशेषताएं भी होंगी, जैसे कि आर्टिफिशियल लाइटिंग और वॉकिंग प्लाजा। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में प्रवेश सभी के लिए नि: शुल्क है, लेकिन मुख्य क्षेत्र और परम योदा स्टाल में समय की पाबंदी होगी। हर शाम रिट्रीट सेरेमनी भी होगी।


प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान इसका वादा किया था और 2015 में स्वीकृति दी और आज इसका उदघाटन कर रहे हैं। पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सेना की ओर से दिया गया था।