चीन ने मसूद अज़हर को बचाने के लिए की हर मुमकिन कोशिश, लेकिन....

चीन पिछले 6 दिनों से बयान को रोकने की कोशिश में लगा था। वह नहीं चाहता था कि बयान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम आए।


    पाकिस्तान के साथ साथ चीन को भी बड़ा झटका लगा है, उसे मजबूर होकर इस बयान पर दस्तखत करने पड़े हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के तेवर देखकर चीन को पीछे हटना पड़ा है। अब फ्रांस जल्द ही अज़हर मसूद को अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने और उस पर बैन लगाने के लिए प्रस्ताव लाने वाला है जिसपर चीन फिर अड़ंगा लगाने की कोशिश करेगा।


नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहली बार पाकिस्तान के साथ साथ चीन को बड़ा झटका लगा है। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने पुलवामा हमले की कड़ी निंदा करते हुए न केवल सख्त लहजे में बयान जारी किया है बल्कि भारत को इस हमले का बदला लेने की पूरी आज़ादी भी दी है। इस बार भी चीन ने सुरक्षा परिषद में अड़ंगा लगाने की कोशिश की लेकिन उसका एक भी दांव कामयाब नहीं हो पाया और मजबूरन उसे जैश के सरगना मसूद अज़हर कि खिलाफ बयान पर दस्तखत करने पड़े।


पुलवामा हमले की निंदा करते हुए सुरक्षा परिषद ने बयान जारी करके कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इस हमले में भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।





सिक्योरिटी काउंसिल का ये बयान भारत के लिए बड़ी कामयाबी है क्योंकि चीन ने इस बार भी अपना रंग दिखाया और जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशें बेकार चली गईं।


चीन पिछले 6 दिनों से बयान को रोकने की कोशिश में लगा था। वह नहीं चाहता था कि बयान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम आए। चीन की कोशिश थी कि बयान में जम्मू कश्मीर की जगह भारत के कब्ज़े वाला कश्मीर लिखा जाए। वो ये भी नहीं चाहता था कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों से भारत को सहयोग करने की अपील की जाए।